अजय देवगन (Ajay Devgn) और तब्बू (Tabu) का आमना-सामना जब ‘दृश्यम’ (Drishyam) में हुआ था, तब हर कोई हैरान था. ‘दृश्यम’ के बाद से ही इस फिल्म के दूसरे पार्ट का इंतजार हो रहा था. आखिरकार ‘दृश्यम 2’ (Drishyam 2) आज सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. पूरे 7 साल के इंतजार के बाद अजय देवगन विजय सलगांवकर बन अपने परिवार के साथ वापस लौटे हैं. लेकिन इस बार कोई नई कहानी नहीं है, बल्कि पुरानी ही कहानी को एक बार फिर से कुरेदा गया है. इस पुराने केस के री-ओपन होने में दर्शकों को मजा आएगा या नहीं ये जानने के लिए आप ये रिव्यू जरूर पढ़ें.
कहानी: समीर देशमुख मर्डर केस को अब पूरे 7 साल हो चुके हैं और इन सालों में विजय सलगांवरक और उसका परिवार पुराने जख्मों से उबर आगे बढ़ चुका है. विजय अब मिराज केबल के साथ-साथ एक सिनेमाघर भी चलाता है. साथ ही वो एक फिल्म भी बनाने की तैयारी कर रहा है. वहीं डीआईजी मीरा देशमुख अब भी लंदन से हर साल आकर अपने बेटे की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रही है. पर मीरा कुछ भी भूली नहीं है. पुलिस एक चौथी फेल से अपनी हार को इतनी आसानी से एक्सेप्ट नहीं कर सकती और यही वजह है कि काफी कोशिशों के बाद और सबूत जोड़ने के बाद ये केस दोबारा से खुलता है. लेकिन क्या इस बार विजय के परिवार को उस क्राइम की सजा होगी या ये चौथी फेल फिर से बच जाएगा, ये देखने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी.
पूरे चरित्र को इसे ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया था. (फोटो साभार- Instagram@ abhishekpathakk)
फिल्म के फर्स्ट हाफ की बात करें तो शुरुआत में कहानी थोड़ी धीमी लगती है. शुरुआत के हिस्से में हाईपॉइंट थोड़े कम लगेंगे. बल्कि कुछ सीन्स में आपको लगेगा कि आखिर ये क्यों दिखाया गया या ये सीन कुछ समझ नहीं आया. लेकिन दरअसल इंटरवेल के बाद आपको पता चलेगा कि इंटरवेल से पहले दिखाए गए कई सीन्स का कनेक्शन कहानी के बिल्डअप से है, जिसका राज इंटरवेल के बाद खुलेगा. शुरुआत के सीन्स में बस कहानी चल रही है, लेकिन आप कुर्सियों के हेंडल को तब पकड़ेंगे जब अक्षय खन्ना की एंट्री होती है.
पहली फिल्म से इस फिल्म की तुलना जरूर होगी लेकिन ये भी समझने की जरूरत है कि पहली फिल्म में फर्स्ट हाफ में एक क्राइम होता है और सेकंड हाफ पूरा इस क्राइम को ‘हुआ ही नहीं’ ये साबित करने निकल जाता है. लेकिन ऐसा यहां नहीं है. ‘दृश्यम 2’ में इंटरवेल से पहले सिर्फ पहेली के टुकड़े बिखेरे गए हैं, जिन्हें सेकंड हाफ में कुछ ऐसे समेटा गया है कि आपको मजा आ जाएगा. यही वजह है कि शानदार क्लाइमैक्स के बाद ये ‘दृश्यम 2’ अपनी ही पहली फिल्म को टक्कर नहीं दे सकती. एक्टिंग की बात करें तो इस फिल्म में भी अजय ने अपनी आंखों से ही अभिनय किया है क्योंकि बोलने का काम इस फिल्म में उनके पास नहीं है. श्रिया सरन की आंखों का खौफ आपतक भी पहुंचेगा. हालांकि इस बार दोनों बेटियों के पास डरने के अलावा और कुछ नहीं है.
दृश्यम अगर आपने देखी है तो आप इस फिल्म का ये दूसरा पार्ट जरूर देखें क्योंकि ये आपको निराश नहीं करेगा. हां पहले हिस्से में थोड़ा धैर्य रखिए, इंटरवेल के बाद खूब मजा आने वाला है. मेरी तरफ से इस फिल्म को 3 स्टार.
डिटेल्ड रेटिंग
कहानी | : | |
स्क्रिनप्ल | : | |
डायरेक्शन | : | |
संगीत | : |
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पहले प्रकाशित : 18 नवंबर, 2022, 09:18 AM IST
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