‘सांस लेते रहें’ की समीक्षा: दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सर्वाइवल ड्रामा फिल्मों में टॉम हैंक्स द्वारा अभिनीत “कास्ट अवे” को सर्वोच्च स्थान दिया गया है. एक हवाई जहाज के क्रैश हो जाने पर टॉम समुद्र में गिर पड़ते हैं और जैसे तैसे एक द्वीप तक पहुंचते हैं. पूरे द्वीप में एक भी इंसान नहीं रहता. टॉम उस द्वीप पर चार साल अकेले रहते हैं और ज़िंदा रहते हैं. कास्ट अवे की कहानी इन 4 सालों का ऐसा दस्तावेज़ है जिसमें अकेलापन, सूनापन, किसी से बातचीत को तरसता एक इंसान जिसे खाने पीने के लिए उस द्वीप पर और सामने फैले अपार समुद्र पर निर्भर रहना होता है, दर्शाया गया है.

फुटबॉल को अपने खून से रंग का वो उस पर एक चेहरा बनता है और उसे अपना दोस्त मान कर उस से बातें करता रहता है. सर्वाइवल यानी जीवन का ये संघर्ष कुछ मासूम है और कुछ बहुत ही दिल दहलाने वाला. कास्ट अवे सन 2000 में रिलीज़ हुई थी. इसके 22 साल बाद नेटफ्लिक्स पर एक सर्वाइवल ड्रामा सीरीज “कीप ब्रीदिंग” रिलीज़ की गयी है जिसकी मूल कहानी तो कास्ट अवे जैसी ही है लेकिन इसकी पटकथा इतनी बकवास है कि इसे देखने के बाद दर्शक अपने आप को सर्वाइवर समझ सकते हैं. हालांकि सिर्फ 6 एपिसोड की मिनी सीरीज है लेकिन इसे देख कर समय बर्बाद करने से अच्छा है कास्ट अवे एक बाद और देख ली जाए.

लिव (मेलिसा बरेरा) एक तेज़ तर्रार वकील है जिसे कुछ ज़रूरी कागज़ात लेकर एक मुक़दमे के लिए जाना होता है. वो एक छोटे प्लेन में सवार होती है जिसमें पायलट, को-पायलट और उसके सिवा और कोई नहीं होता. तकनीकी खराबी की वजह से वो प्लेन क्रैश हो जाता है. जैसे तैसे लिव और को-पायलट सैम (ऑस्टिन स्टोवेल) एक द्वीप तक पहुंचते हैं, पायलट सीट में फंसा रह जाता है और उसकी मौत पानी में डूबने पर प्लेन के अंदर ही हो जाती है. कुछ समय बाद सैम की भी मौत हो जाती है.

इसके बाद लिव को उस द्वीप पर रहना पड़ता है, द्वीप को समझना पड़ता है और वहां से निकलने का रास्ता ढूंढना होता है. कहानी कमाल है, लेकिन पटकथा इस कहानी का गला घोंट देती है. लिव वहां से निकलने के लिए जो भी प्रयास करती है वो कहीं छुप से जाते हैं, लेकिन लिव का अपनी मां, अपने पिता और अपने बॉयफ्रेंड से हर पल बदलता रिश्ता, फ्लैशबैक के ज़रिये कहानी में घुसा चला आता है और लव के सर्वाइवल की कहानी को निगल जाता है. थोड़ी थोड़ी देर में ऐसा लगता है कि फ्लैशबैक के दृश्यों से लिव को इस द्वीप पर ज़िंदा रहने का कोई सूत्र मिलेगा लेकिन अफ़सोस ऐसा कुछ नहीं होता. सच तो ये है कि कुछ फ्लैशबैक सीन तो ज़बरदस्ती घुसाए हुए नज़र आते हैं.

मेलिसा बरेरा एक मेक्सिकन अभिनेत्री हैं और वो काफी टीवी सीरीज में नज़र आ चुकी हैं लेकिन इस वेब सीरीज में उनका रोल बिना किसी समझ के रचा गया है. वो एक वकील हैं लेकिन पानी के अंदर वो किसी कुशल गोताखोर की तरह लम्बी देरी तक सांस रोक कर अपने पायलट और को-पायलट को बचने में लग जाती हैं. द्वीप पर आग जलाने के लिए वो कांच की मदद से हज़ारों डॉलर के नोट जला देती हैं. ये और बात है कि उसके पास एक लाइटर होता है जो शायद सुखा लिया जाता तो फिर से काम कर सकता था. सारे नोट क्यों जला दिए? जंगल में खाने के लिए वो मछली नहीं पकड़ पाती लेकिन वो जंगली बेरी बड़े मज़े से खा लेती हैं जबकि ये पता लगाना बड़ा मुश्किल है कि कौनसी बेरी ज़हरीली नहीं है.

जितने समय वो जंगल में रहती है उसे कोई बीमारी नहीं होती जो कि लगभग असंभव है. द्वीप पर बस एक ही भालू है जो को-पायलट सैम पर हमला बोल देता है. सैम पहले ही घायल है लेकिन लिव दूर से चिल्ला कर उस भालू को भगा देती है. पूरी सीरीज में वो भालू फिर नज़र नहीं आता, कोई और जानवर तो दूर की बात है. सैम की मौत हो जाने पर वो अकेले ही सैम को गड्ढे में डाल कर दफना देती है और एक बार भी उसको ये ख्याल नहीं आता कि सैम की जेब की चेकिंग ले ले. सैम के पास एक बढ़िया जैकेट होती है जो शायद ठण्ड में काम आ जाती लेकिन लिव वो भी नहीं निकालती. दर्जनों बेवकूफियों से भरी इस पटकथा में फ्लैशबैक के सीन इतने ज़्यादा हैं कि यदि इन्हें फ़ास्ट फॉरवर्ड कर के सिर्फ सर्वाइवल वाले सीन देखें तो एक ही एपिसोड में सब ख़तम हो जाये. पता नहीं लेखक मंडली के इतुरी सोसा, ब्रेंडन गॉल, और मार्टिन गेरो ने क्या सोच कर इसे लिखा था. सबसे बढ़िया बात, लिव का मेकअप बिलकुल भी ख़राब नहीं होता.

एक लम्बी चढ़ाई के बाद लिव एक ऐसी जगह पहुंचती है जहां तेज़ धारा वाली नदी बह रही होती है, लिव उसमें कूद जाती है (उसे कोई चोट नहीं लगती, एक पत्थर से भी नहीं टकराती) और अगले 15-20 सेकंड में दो लोग उसे नदी से निकल कर किनारे ले आते हैं और वो बच जाती है. सीरीज ख़त्म. एक दर्शक के तौर पर आप इतना ठगा हुआ महसूस करते हैं कि शायद इसके बाद लिव की ज़िन्दगी में कुछ हो, कोई परिवर्तन हो, या उसकी सोच बदले, वो सब दिखाने की ज़हमत नहीं उठायी गयी है. जितने अजीब तरीके से सीरीज ख़त्म की गयी है उतने ही अजीब तरीके से सर दीवार पर दे मारने का मन करता है. सर्वाइवल ड्रामा में दुख, दर्द, परेशानियां, शारीरिक और मानसिक कष्ट, खाने की जुगाड़, साफ़ पीने लायक पानी को स्टोर करने का संघर्ष और न जाने क्या क्या होता है. लेकिन कीप ब्रीदिंग में सब कुछ लापता है. आप भी इसके दर्शक न बन कर लापता ही रहें. समय की बर्बादी है.

डिटेल्ड रेटिंग

कहानी :
स्क्रिनप्ल :
डायरेक्शन :
संगीत :

टैग: समीक्षा, वेब सीरीज

Source link

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *