Rashtra Kavach Om Review In Hindi: महिलाएं अक्सर घर में जब कोई व्यंजन बनाने के लिए मैदा गूंथती हैं, तो अक्सर मैदा की कचोड़ी बनने के बाद बचे हुए मैदा से नमकपारे या पापड़ी भी बना लेती हैं. यानी आटा एक और इससे बनने वाले व्यंजनों के नाम अलग-अलग. हिंदी सिनेमा में इन दिनों एक्शन के नाम पर बन रही फिल्मों का हाल भी इसी मैदा के आटे जैसा है. डिश के नाम यानी फिल्मों के नाम भले ही अलग-अलग रख दिए जाएं, लेकिन अगर आप पीछे की कहानी देखेंगे तो सब के बनने का फॉर्म्युला एक ही है… थोड़ा पानी, थोड़ा मैदा, अजवाइन, नमक और इसका गुंथा हुआ आटा. कॉरियोग्राफर से डायरेक्टर बने अहमद खान हमें अपने मैदा की पूड़ियां पहले ही खिला चुके हैं, अब उनके ही बचे आटे से नमकपारे बनाए गए हैं, जिसे निर्देशक कपिल वर्मा ने ‘राष्ट्र कवच: ओम’ के नाम से परोसा है. हां, इस बार जो नया है वो हैं एक्टर आदित्य रॉय कपूर और एक्ट्रेस संजना सांघी, बाकी एक कमांडो और देशभक्ति संबंधित चीजें स्वादानुसार और बन गई ‘राष्ट्र कवच: ओम’
कहानी: जैसा की आप ऊपर का पैराग्राफ पढ़ने के बाद समझ ही गए होंगे कि इसकी कहानी भी किसी पुरानी एक्शन फिल्म जैसी ही है लेकिन फिर भी एक खाका आपको बता देती हूं. एक पैरा कमांडो है, नाम है ओम (आदित्य रॉय कपूर). ये ऐसा हीरो है जो बिना किसी पैराशूट के उड़ते हुए जहाज से सीधा पानी में कूद जाता है और फिर पानी में से ही स्प्रिंग की तरह उछलकर वापस एक पानी के जहाज पर लौट आता है. फिर खूब सारा एक्शन है. हीरोइन है, जो बस ओम की सेवा के लिए है. पहले उसकी सेहत का ध्यान रखती है और फिर उसके मिशन में क्या-क्या जरूरी है, इस बात का. बाकी सेना है, देश को बचाने की एक कोशिश और आखिर में शर्टलेस हीरो.
‘ओम’ में जैकी श्रॉफ, आशुतोष राणा और प्रकाश राज भी नजर आएंगे.
निर्देशक अहमद खान बागी बना चुके हैं, अब वही अहमद खान के प्रोडक्शन में अपनी पहली फिल्म डायरेक्ट कर रहे निर्देशक कपिल वर्मा भी उनके जैसी ही एक फिल्म लेकर आए हैं. फिल्म के पहले ही सीन से आपको निर्देशक की आपको ‘बेवकूफ’ समझने की मासूमियत पर हंसी आ जाएगी. हजारों फीट की ऊंचाई पर उड़ते हैलीकॉप्टर के पीछे का गेट खुलता है और वहां खड़ा हुआ है एक्टर, लेकिन मजाल है उसका एक बाल भी हिल जाए. यहां खड़े हो वह बड़े आराम से ईयरपीस पर बात सुनता है और कहता है ‘जय भवानी’ और फिर कूद जाता है पानी में. एक्शन सीन होता है और हीरो को सिर में गोली लगती है और वह समुद्र की गहराइयों में गिर जाता है और फिर जिंदा हो जाता है… ये इस कहानी की शुरुआत है.
इसके बाद फर्स्ट हाफ में आपको काफी देर तक वो सस्पेंस दिखाने की कोशिश होगी जो वैसे ज्यादा सस्पेंस है नहीं. हालांकि फर्स्ट हाफ की इमोशन डोज के बाद अगर आप सैकंड हाफ तक पहुंचे तो आपको और थोड़ा एक्शन देखने को मिल सकता है. लेकिन मेरी दिक्कत ये है कि पैरा कमांडो और वो भी ऐसा जिसे कोई नहीं मार सकता, इससे पहले भी हम कई बार देख चुके हैं. पिछले कई सालों से सैनिक की वर्दी में देशभक्ति परोसने की कोशिश हम फिल्मों में देखते आ रहे हैं, और ओम बस इसी कोशिश में एक और फिल्म है.
अभिनय की बात करें तो आदित्य रॉय कपूर स्क्रीन पर हमेशा ही अपीलिंंग लगते हैं और इस फिल्म में भी वह काफी अच्छे लग रहे हैं. उनके लुक्स कमाल के हैं, हालांकि एक्शन में ज्यादा नयापन नहीं है. संजना भी स्क्रीन पर ठीक रही हैं. इस फिल्म का क्लाइमैक्स तो आपको पूरी तरह ‘बागी 3’ की याद दिला देगा. वैसे ही नकली से हैलीकॉप्टर, बहुत सारी आग, मिल्ट्री जैसा सेटअप… जितना पैसा इस फिल्म में धमाके करने और हेलीकॉप्टर उड़ाने में लगा है, उससे आधा भी राइटर को देकर एक फ्रेश कहानी लिखने पर जोर दिया जाता तो शायद एक अच्छी फिल्म बनाई जा सकती थी.

इस फिल्म में आपको एक्शन तो मिलेगा पर मजा नहीं आएगा.
इस फिल्म में जहां आपको चौंकाने की कोशिश की गई है, वहां आपको हंसी आ जाएगी. वहीं गोलियां भी इस फिल्म में अपने हिसाब से लोगों को मार रही हैं. हीरो सिर में गोली लगने पर भी नहीं मरता, हीरो का पापा पीठ पर गोली लगने से ही मर जाता है. तो बस कुछ ऐसी कॉमेडी फिल्म है, ‘राष्ट्र कवच : ओम’. अब आप इतनी तारीफ के बाद समझ ही गए होंगे कि कैसी है ये फिल्म. मेरी तरफ से इस फिल्म को 1 स्टार क्योंकि किसी भी फिल्म को बनाने में टैक्नीशन्स से लेकर हजारों लोगों की मेहनत लगती है. ये स्टार उन सब के लिए.
डिटेल्ड रेटिंग
कहानी | : | |
स्क्रिनप्ल | : | |
डायरेक्शन | : | |
संगीत | : |
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पहले प्रकाशित : 01 जुलाई, 2022, शाम 5:21 बजे IST