जलसा मूवी समीक्षा: विद्या बालन (Vidya Balan) और शेफाली शाह (Shefali Shah)… एक्टिंग की ये दो पावरहाउस एक्ट्रेसस जब स्क्रीन पर एक साथ हों, तो सोचिए क्या होगा. डायलॉग दमदार होगे, भिड़ंत होगी या कौन किसपर भारी पड़ेगा… ? निर्देशक सुरेश त्रिवेणी (Suresh Triveni) की फिल्म ‘जलसा’ (Jalsa) के ट्रेलर में इन दोनों को एक-दूसरे के आमने-सामने देख के बाद शायद कई लोगों ने ऐसा ही सोचा हो और ‘जलसा’ देखने के बाद साफ है कि ये फिल्म अच्छा सिनेमा देखने वालों के लिए एक ट्रीट है. ‘जलसा’ शुक्रवार यानी 18 मार्च को अमेजन प्राइम वीडियो (Amazon Prime Video) पर रिलीज हो चुकी है. जानिए कैसी है ये फिल्म.
कहानी: विद्या बालन इस फिल्म में माया मेनन नाम की एक जर्नलिस्ट हैं, जो एक वेबसाइट WRD का चेहरा हैं. दरअसल माया लोगों के लिए सच का चेहरा हैं. माया के घर में काम करती है रुखसाना (शेफाली शाह) जो माया के स्पेशली एबल्ड बच्चे की हर जरूरत का ध्यान रखती है. एक रात रुखसाना की बेटी का कार एक्सीडेंट होता है. अनोखी बात ये है कि इस कहानी में जुड़ा कोई भी ये नहीं चाहता कि ये एक्सिडेंट वाला पकड़ा जाए. इस सच को छिपाने की हर किसी की अपनी-अपनी वजह हैं. यहीं से शुरू होता है अपने- अपने सच बनाने और सच को छिपाने का सिलसिला.
‘तुम्हारी सुलु’ में विद्या बालन के साथ काम करने के बाद इस बार सुरेश त्रिवेणी ने उनके सामने शेफाली शाह को खड़ा कर दिया है. इस फिल्म में कोई ऐसा सस्पेंस नहीं है, जो आपको अचानक चौंका दे या आप समझ नहीं पा रहे हों, लेकिन 20 मिनट में ही एक्सीडेंट का सारा सच बताने के बाद भी इस कहानी में इतनी ताकत है कि ये आपको अपनी जगह पर टिके रहने के लिए मजबूर कर दे. हो सकता है कुछ लोगों को ये कहानी थोड़ी स्लो लगे लेकिन ये कहानी ट्विस्ट ऐंड टर्न वाला थ्रिलर नहीं है, बल्कि ये पूरी फिल्म अंदर से आपको बैचेन रखेगी.
इस फिल्म के ट्रेलर के आखिर में रुखसाना का बच्चा एक डायलॉग बोलता है, ‘मुझे सब पता है, लेकिन तू एक चॉकलेट देगी तो मैं किसी को नहीं बताउंगा.’ हम सब के लिए सच की कहानी ऐसी ही है, ‘बस किसी को पता न चले, क्योंकि तब तक हमारा सच ठीक है..’ यहां हर किरदार एक सीक्रेट रख रहा है और उसे अपना ही सच सबसे बड़ा लग रहा है. दरअसल सच को लेकर हम सब की अपनी-अपनी थ्योरी है. ये थ्योरी कुछ भी हो, लेकिन इस थ्योरी में हम खुद कभी गलत नहीं होते, और गलत हों भी तो उसे खुद के सामने भी साबित नहीं होने देते… निर्देशक त्रिवेणी की ये कहानी ऐसे ही सच की कहानी को बेनकाब करती है. फिल्म का क्लाइमैक्स जैसे-जैसे बढ़ता है, आप इसकी एंडिंग तय करने लगते हैं लेकिन जो अंत में होगा वो आपको झंकझोर देगा. ये फिल्म आपको सुकून नहीं बल्कि बेचैनी देगी.
विद्या बालन और शेफाली शाह, जब-जब स्क्रीन पर आती हैं आप पावरफुल परफॉर्मेंस का चेहरा क्या होता है, वो पर्दे पर इन दोनों एक्ट्रेसेस के तौर पर देख पाते हैं. स्क्रीन पर ट्रेंशन और बेहद संजीदा हालातों के बाद भी एक्टिंग करती इन दोनों एक्ट्रेसेस का एक नाखून भी बिना जरूरत नहीं हिलता देखेंगे आप. सिर्फ ये दोनों ही नहीं, पर्दे पर आए सभी किरदारों ने इस कहानी को एक खूबसूरत कहानी बनाने में अपना पूरा योगदान दिया है. ‘जलसा’ को निर्देशक सुरेश त्रिवेणी ने बेहद संजीदगी के साथ हैंडल किया है. मेरी तरफ से इस फिल्म को 4 स्टार.
डिटेल्ड रेटिंग
कहानी | : | |
स्क्रिनप्ल | : | |
डायरेक्शन | : | |
संगीत | : |
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टैग: Shefali Shah, Vidya balan
पहले प्रकाशित : मार्च 18, 2022, 11:52 पूर्वाह्न IST