पटना. इस साल होने वाली मैट्रिक (Matric Exam 2020) की परीक्षा में परीक्षार्थियों को बेहतर अंक मिल सके और रिजल्ट के प्रतिशत में वृद्धि हो सके इसको लेकर बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने नई पहल शुरू की है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने सभी जिलों के डीईओ और डीपीओ को निर्देश दिया है कि सभी हाईस्कूलों में मैट्रिक परीक्षा (BSEB Exam 2020) को लेकर 5 सप्ताह का क्रैश कोर्स (Crash Course) शुरू करें. क्रैश कोर्स में वैसे विद्यार्थी शामिल होंगे जो आगामी 2020 की मैट्रिक परीक्षा देंगे.

5 सप्ताह का क्रैश कोर्स

सभी विद्यार्थियों के लिए जहां 5 सप्ताह का क्रैश कोर्स शुरू किया गया है वहीं विद्यार्थियों को 2 मॉक टेस्ट भी पास देना होगा. मॉक टेस्ट मैट्रिक में पूछे जाने वाले प्रश्नों के आधार पर ही लिए जाएंगे ताकि विद्यार्थी को प्रश्नपत्र के पैटर्न और आंसर देने के तरीके मालूम हो सके. इसको लेकर शिक्षा विभाग की ओर से सभी जिलों के लिए पैन ड्राइव में क्रैश कोर्स मैटेरियल और मॉक टेस्ट मैटेरियल भी उपलब्ध करा दी गई है.

मॉक टेस्ट का भी प्रावधान

पैन ड्राइव प्राप्त होते ही आज और कल सभी जिलों के डीईओ और डीपीओ को हाईस्कूलों के प्रधानाध्यापकों के साथ बैठक करने का भी निर्देश दिया गया है ताकि प्रधानाध्यापक को पैन ड्राइव के मैटेरियल भी अपलब्ध कराया जा सके साथ ही मॉक टेस्ट लेने की प्रक्रिया भी मालूम हो सके. इसको लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन और राज्य परियोजना निदेशक संजय सिंह व एसपीओ किरण कुमारी ने विडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से सभी जिलों के डीईओ व डीपीओ को निर्देश जारी कर दिया है और कहा है कि 20 दिसंबर से सभी स्कूलों में इसकी शुरूआत हो.

विभाग करेगा समीक्षा

आरके महाजन ने कहा है कि पूरी प्रक्रिया की मॉनिटरिंग टीचर ऐप से की जाएगी वहीं सभी जिले के अधिकारी से यह भी निर्देश दिए गए हैं कि अपने-अपने जिले की मॉनिटरिंग वे खुद करें. ये नया अभियान उन्नयन योजना के तहत शुरू किया जा रहा है ताकि ऑडियो और विजुअल के माध्यम से विद्यार्थियों को समझने में आसानी होगी और समस्या होते ही ट्रेंड शिक्षक समाधान भी करेंगे. पूरी प्रक्रिया की ना सिर्फ जिले स्तर पर अधिकारी मॉनिटरिंग करेंगे बल्कि शिक्षा विभाग और राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय से भी नजर रखी जाएगी.

रिजल्ट में सुधार का भरोसा

सभी अधिकारियों से हर हाल में शत प्रतिशत विद्यार्थियों तक इस अभियान को पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और किसी भी समस्या के लिए मेरा मोबाइल, मेरा विद्यालय एप के माध्यम से भी समस्याएं दूर की जाएंगी. इस पहल से ना सिर्फ परीक्षार्थियों को लाभ मिलेगा और परीक्षा की तैयारी में वरदान साबित होगा बल्कि बिहार बोर्ड के रिजल्ट में भी व्यापक सुधार होने की उम्मीद है.

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