नूरपुर (कांगड़ा).अगर प्रतिभा और लगन हो तो विकलांगता भी रास्ते मे किसी भी प्रकार का रोड़ा नहीं अटका सकती है. यह बात सिद्ध करके दिखाई है प्रियंका ठाकुर ने. हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से कानून में पीएचडी कर रहीं प्रियंका ठाकुर का हिमाचल प्रदेश न्यायिक सेवा के लिए चयन हुआ है. उन्होंने इस परीक्षा में दसवां स्थान हासिल किया है और उनकी नियुक्ति बतौर सब-जज होगी.

हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग ने शनिवार को राज्य न्यायिक सेवा परीक्षा परिणाम घोषित किया है. प्रियंका ठाकुर ने फर्स्ट डिवीजन में एलएलएम परीक्षा पास की थी और वह पीएचडी कर रही हैं. इसके अलावा, प्रियंका यूजीसी नेट पास हैं.

कांगड़ा से हैं प्रियंका
कांगड़ा जिले के इंदौरा तहसील के गांव वडाला की रहने वाली प्रियंका ठाकुर के पिता सुरजीत सिंह बीएसएफ में इंस्पेक्टर पद से रिटायर हुए हैं और माता सृष्टा देवी गृहिणी हैं. हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी के क्षेत्रीय अध्ययन केंद्र से एलएलबी की परीक्षा पास करने के बाद प्रियंका ने यहीं से एलएलएम की.

प्रियंका कांगड़ा की रहने वाली है.

प्रियंका कांगड़ा की रहने वाली है.

यह बोली प्रियंका
प्रियंका का कहना है कि यदि दृढ़ निश्चय हो तो एक न एक दिन कामयाबी जरूर मिलती है. आज सिर्फ उनके परिवार में ही नहीं, बल्कि पूरे गांव में खुशी का माहौल है. अक्सर बेटियों और दिव्यांगों को कमजोर मानकर उनकी उपेक्षा कर दी जाती है. लेकिन यदि उन्हें परिवार, समाज और शिक्षकों से सहयोग मिले तो बेटियां किसी भी मुकाम तक पहुंच सकती हैं.

ये है लिस्ट
हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से 10 पदों के लिए 5 से 7 दिसंबर तक साक्षात्कार लिए गए थे. परीक्षा में चुनौती सगरोली टॉपर बनी हैं. दूसरे स्थान पर प्रवीण लाटा रहे. वहीं, तीसरे स्थान पर दिव्या शर्मा ने कब्जा किया. इसके अलावा, परीक्षा में शाविक घई, अनुलेखा तंवर, मेघा शर्मा, शीतल गुप्ता, रितु सिन्हा, श्रुति बंसल और प्रियंका देवी ने सफलता हासिल की है. ये सभी सिविल जज बनेंगे.

(रिपोर्ट-भूषण शर्मा)

हिमाचल न्यायिक सेवा: चुनौती बनीं टॉपर, 10 में से 8 स्थान बेटियों ने कब्जाए

देवभूमि हिमाचल भी महिलाओं के लिए नहीं सुरक्षित, हर 24 घंटे के बाद महिला से रेप

टैग: Himachal pradesh, कांगड़ा जिला, शिमला

Source link

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *