जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू JNU) में छात्रसंघ चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं. छात्रों के बीच घुसपैठ भी शुरू हो गई है. लेकिन, इस सब के बीच बड़ी खबर यह है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एबीवीपी (ABVP) के खिलाफ सभी वामपंथी छात्र संगठन (left-wing ) एक हो गए हैं. ऐसे में जेएनयूएसयू का इस बार का चुनाव लेफ्ट और राइट (Right-wing) के बीच होगा. वामपंथी छात्र संगठन लेफ्ट यूनिटी के बैनर तले चुनाव लड़ेंगे.

लेफ्ट और राइट की शक्ल अख्तियार कर चुका जेएनयू छात्रसंघ का चुनाव आजकल खासा चर्चाओं में है. चुनावों में एबीवीपी को मात देने के लिए सभी चार संगठन आइसा, एआईएसएफ, डीएसएफ और एसएफआई एक हो गए हैं. ये चारों संगठन इस बार अलग-अलग नहीं, बल्कि एक साथ मिलकर चुनाव भी लड़ेंगे. एक ही बैनर के तहत छात्रों के बीच भी जाएंगे. इस बैनर को लेफ्ट यूनिटी का नाम दिया गया है.

एबीवीपी को हराने की रणनीति
इस बारे में एआईएसएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वलीउल्ला कादरी का कहना है कि एबीवीपी को जेएनयू कैंपस से बाहर रखने के लिए यह रणनीति तय की गई है. हमारा मकसद है कि एबीवीपी कैंपस से बाहर रहे और जेएनयू का माहौल खराब न हो. वहीं, किस पद पर किस छात्रसंघ का उम्मीदवार चुनाव लड़ेगा इस पर बातचीत होना अभी बाकी है.

लेफ्ट के चारों छात्र संगठनों के एक होने के बाद से एबीवीपी ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. (प्रतीकात्मक फोटो)

इस गठबंधन को देखते हुए जेएनयू में इस बार का छात्रसंघ चुनाव के खासे दिलचस्प होने की उम्मीद जताई जा रही है. वहीं, हार-जीत भी टक्कर की होगी. इससे पहले पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार और दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी ने जेएनयू कैंपस में कई कार्यक्रम किए.

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