नई दिल्ली. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कई राज्यों में छापेमारी के बाद अब आतंकवादी-गैंगस्टर-ड्रग तस्कर गठजोड़ मामले में 3 संपत्तियां कुर्क कीं हैं. संपत्ति मालिकों के विदेश स्थित आतंकवादियों से संबंधों का भी पता चला है, जिसमें अर्श डाला का नाम शामिल है. एजेंसी ने अलग-अलग राज्यों में 129 स्थानों पर छापे के बाद हरियाणा और दिल्ली में संगठित अपराध सिंडिकेट के सदस्यों के स्वामित्व वाली तीन संपत्तियों को कुर्क किया है, जिनके ‘सूचीबद्ध व्यक्तिगत आतंकवादी’ अर्श डाला और अन्य विदेशी-आधारित आतंकवादियों के साथ संबंध हैं.
कुर्क की गई संपत्तियों में दिल्ली में इरफान उर्फ छेनू पहलवान का एक घर और हरियाणा के गुरुग्राम जिले में कौशल चौधरी और अमित डागर के दो घर शामिल हैं. एनआईए की जांच के अनुसार, ये सभी संपत्तियां ‘आतंकवाद की आय’ थीं, जिनका इस्तेमाल आतंकी साजिश रचने और अपराधों को अंजाम देने के लिए किया गया था. गौरतलब है कि 17 मई 2023 को पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली/एनसीआर में गैंगस्टरों और उनके सहयोगियों से जुड़े स्थानों पर छापे मारे गए थे.
इरफान उर्फ छेनू पहलवान हत्या और जबरन वसूली के कई आपराधिक मामलों में शामिल था, इसके अलावा वह कुख्यात बंबीहा गिरोह को पुरुषों और सामग्री (हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति) सहित सभी प्रकार की रसद सहायता का आपूर्तिकर्ता था. उसने आतंकी/आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए जमीनी स्तर के गुर्गों तक पहुंचने के लिए कौशल चौधरी, भूपी राणा और गिरोह के अन्य प्रमुख गुर्गों के निर्देश पर गिरोह के फरार साथियों को एक सुरक्षित स्थान भी मुहैाया कराया था.
अन्य दो, कौशल चौधरी और अमित डागर, अन्य आरोपी व्यक्तियों की मदद से प्रमुख साजिशकर्ताओं – विदेश स्थित अर्शदीप डाला और गौरव पटयाल उर्फ सौरव ठाकुर उर्फ लकी के साथ निकटता से जुड़े हुए थे. कौशल और अमित दोनों व्यापारियों से जबरन वसूली/धमकी/हत्या करने और गायकों, व्यापारियों और खिलाड़ियों के बीच आतंक पैदा करने और आतंक एवं हिंसा के कृत्यों को अंजाम देने के लिए हथियारों की व्यवस्था करने में शामिल थे.
वे दोनों जबरन वसूली/हत्या की आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से विदेशी-आधारित आतंकवादियों के साथ-साथ जमीनी कार्यकर्ताओं के संपर्क में थे और साजिश रच रहे थे. जबरन वसूली से जुटाए गए धन का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने और भारत में सक्रिय बंबीहा गिरोह सहित अन्य गिरोहों को रसद सहायता प्रदान करने के लिए किया जा रहा था.
एनआईए ने अगस्त 2022 में यूएपीए अधिनियम के तहत तीन प्रमुख संगठित अपराध सिंडिकेट के खिलाफ मामले दर्ज किए थे. ये सिंडिकेट भारत के उत्तरी राज्यों में अपने माफिया शैली के आपराधिक नेटवर्क फैला रहे थे और कई सनसनीखेज अपराधों को अंजाम देने में शामिल थे, जैसे कि लोकप्रिय गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या और व्यवसायियों एवं पेशेवरों से बड़े पैमाने पर जबरन वसूली. उनके अपराधों में महाराष्ट्र के बिल्डर संजय बियानी के साथ-साथ पंजाब में अंतरराष्ट्रीय कबड्डी आयोजक संदीप नांगल अंबिया की हत्या भी शामिल है. यह भी पाया गया कि इनमें से कई साजिश पाकिस्तान और कनाडा सहित विदेशों से या जेलों में बंद संगठित आपराधिक सिंडिकेट के सरगनाओं द्वारा रची गई थी.
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पहले प्रकाशित : 25 जुलाई, 2023, शाम 7:56 बजे IST
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