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इस बार आजादी के जश्न में शामिल होंगे कुछ खास मेहमान, चीन सीमा के 662 गांवों के सरपंचों को मिला न्योता

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नई दिल्ली: इस बार आजादी का जश्न भारत के सीमावर्ती गांवो के लिए खास होगा, और लाल किले पर कुछ खास मेहमान भी मौजूद होंगे. ये विशेष अतिथि अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में चीन सीमा पर लगभग 662 गांवों के सरपंच होंगे, जो केंद्र के वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम (वीवीपी) के तहत आते हैं. एक इंटरनल कम्युनिकेशन में, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) मुख्यालय ने इन जिलों में अपने कर्मियों को संपर्क अधिकारी (Liaison Officers ) नियुक्त करने का निर्देश दिया है, जो ‘जिला मुख्यालय से दिल्ली और वापस जिला मुख्यालय’ तक ‘सरपंचों और मेहमानों’ के साथ रहेंगे. एलओ इन जिलों की इकाइयों के आईटीबीपी कर्मी होंगे.

कई सरपंचों के पास न्यौता जा भी चुका है
द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक आईटीबीपी के विभागीय संचार में यह बात भी कही गई है कि महिला मेहमानों की संख्या के अनुरूप महिला कर्मियों की भी एक उचित संख्या होनी चाहिए. ऐसा हो सकता है कि कई जिलों में या जगहों पर इस तरह का कोई व्यक्ति नहीं मिल सके, ऐसी स्थिति में LO के लिए जो भी बेहतर विकल्प होगा उसे चुना जाएगा. महिलाओं के मामले में यह और मुश्किल हो सकता है, तो इस स्थिति में उस महिला का चुनाव किया जाएगा जिसकी अंग्रेजी पर पकड़ अच्छी हो. सभी मेहमानो की हवाई यात्रा का इंतेजाम किया जाएगा, जिसके लिए विशेष उड़ान की व्यवस्था करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं. इसके साथ ही वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत आने वाले सीमावर्ती गांवों के सभी सरपंचो को भी जानकारी मुहैया करा दी गई है. कई सरपंचों के पास न्यौता जा भी चुका है.

द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के बगोरी गांव की सरपंच सरिता रावत ने कहा: ‘2 जुलाई को, मुझे पंचायत अधिकारियों ने सूचित किया कि मुझे लाल किले में स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेना है. मुझे, आठ पड़ोसी सरपंचों के साथ आमंत्रित किया गया है, और आईटीबीपी कर्मी हमारे साथ समन्वय कर रहे हैं. मैं अपने पति के साथ आऊंगी. मैं 2019 से अपने गांव की सरपंच हूं; इस वर्ष हमारे गांव को एक जीवंत गांव के रूप में शामिल किया गया था.’ उत्तरकाशी जिले के हर्षिल गांव के सरपंच दिनेश रावत ने कहा: ‘लगभग एक सप्ताह पहले, जिला प्रशासन और आईटीबीपी कर्मियों ने मुझसे स्वतंत्रता दिवस के लिए पास बनाने के लिए अपने दस्तावेज साझा करने के लिए कहा. मुझे अभी तक औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला है, लेकिन मुझे बताया गया है कि मुझे और मेरी पत्नी को आमंत्रित किया गया है. केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने अप्रैल में मेरे गांव का दौरा किया था और हमने उनके साथ कई विकासात्मक योजनाओं पर चर्चा की थी.’

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क्या है केंद्र सरकार का वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम?
वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम की घोषणा 2022 के बजट में की गई थी. इस कार्यक्रम का मकसद चीन की सीमा से लगे इलाकों में इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करना है. कार्यक्रम की अप्रैल में अरुणाचल प्रदेश में किबिथू गांव से देश के गृहमंत्री अमित शाह ने शुरुआत की थी. केंद्र की इस योजना के तहत, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में देश की उत्तरी सीमा से सटे 19 जिलों के 46 ब्लॉकों के करीब 2,967 गांवों की ‘व्यापक विकास’ के लिए पहचान की गई है, जिनमें से कार्यक्रम के पहले चरण के लिए करीब 662 गांवों का चुनाव हुआ है. सरकार ने इस योजना के लिए 4,800 करोड़ रुपये के आवंटन को मंजूरी दे दी है. मई में दिल्ली में इस कार्यक्रम पर एक कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए,  गृहमंत्री शाह ने कहा था कि केंद्र ने पिछले 9 वर्षों में सीमावर्ती इन्फ्रास्ट्रक्चर पर करीब 25,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर योजनाओं की मैपिंग में वाइब्रेंट विलेज को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.

टैग: Arunachal pradesh, चीन, स्वतंत्रता दिवस, भारत

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