नई दिल्ली. सदाबहार अभिनेता की अगर कोई मिसाल देनी हो, तो सबसे पहले जो नाम जहन में आता है, वह है देव आनंद. बात चाहे उनके लुक की हो, स्टाइल की हो या फिर एक्टिंग की. देवानंद हमेशा समय से आगे के अभिनेता ही नजर आए. ना सिर्फ अभिनेता बल्कि एक पटकथा लेखक, निर्माता और निर्देशक के रूप में भी वह कमाल थे. देव आनंद दुनिया के एकमात्र ऐसे नायक रहे, जिनका करियर 8 दशक तक कायम रहा. उनको पर्दे पर जब लोग देखा करते तो उन्हें ये लगता था कि कपूर परिवार की तरह उनके घर में भी नायाब सितारें निकलेंगे. बेटे को हीरो बनाने की उन्होंने बहुत कोशिश की, लेकिन उनका बेटा यानी सुनील आनंद एक्टिंग में सुपरफ्लॉप रहे.
बॉलीवुड के सुपरस्टार अभिनेता देव आनंद पर्दें के हर खेल में माहिर थे, फिर चाहें वो एक्टिंग हो या फिल्म का डायरेक्शन. बॉलीवुड में कई ऐसे स्टार्स हैं, जिनके बच्चों ने बॉलीवुड को चुना और यहां अपनी प्रतिभा का लोहा भी मनवा रहे हैं. लेकिन कुछ स्टार किड्स ऐसे भी हैं, जिन्होंने फिल्मों में आने की कोशिश तो की पर असफल साबित हुए. इन्हीं में से एक रहे देवानंद के बेटे सुनील आनंद, जो बतौर एक्टर नाम नहीं कमा सके.
एक्टिंग से नहीं कमा पाए नाम
सुनील आनंद आज 67 साल के हो चुके हैं. 30 जून 1956 को कल्पना कार्तिक-देव आनंद के घर बेटे ने जन्म लिया, जिसको उन्होंने सुनील नाम दिया. सुनील आनंद ने अपनी स्कूली कक्षा पूरी की और फिर अमेरिकी विश्वविद्यालय, वाशिंगटन से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में पढ़ाई की. पढ़ाई पूरी करने के बाद पिता की तरह नाम और शोहरत हासिल करने के लिए वह एक्टिंग की दुनिया में उतरें, लेकिन फ्लॉप साबित हुए.
पहली और दूसरी दोनों फिल्में फ्लॉप
देव आनंद ने बेटे का साथ दिया और साल 1984 में ‘आनंद और आनंद’ लेकर आ गए. फिल्म को प्रोड्यूस औ डायरेक्ट करने के साथ-साथ देव साहब ने फिल्म में एक्टिंग भी की. ये पहली बार था जब पिता और बेटे को एक साथ किसी फिल्म में देखा गया था. लेकिन, अफसोस ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुई. देवा आनंद का ये पैतरा काम नहीं कर पाया. पहली फिल्म के फ्लॉप होने के बाद सुनील को एक बार फिर से एक दूसरी फिल्म मिली. सुनील को समीर मलकान की फिल्म ‘कार थीफ’ में देखा गया. इस फिल्म में विजयता पंडित सुनील के अपोजिट देखी गईं. लेकिन ये फिल्म भी बॉक्स ऑफिस पर कमाल नहीं दिखा सकी.
देव आनंद के बेटे सुनील आनंद का जन्म 30 जून 1956 को हुआ था. फोटो साभार-@TimelessIndianMelodies/Facebook
दो फिल्मों फ्लॉप हुई तो फिर लिया देव आनंद ने रिस्क
लगातार दो फिल्मों के फ्लॉप होने के बाद देव आनंद ने एक बार फिर से रिस्क लिया. इस बार उन्होंने अपने भाई विजय आनंद एक फिल्म बनाई, जिसका टाइटल ‘मैं तेरे लिए’ था. 1988 इस फिल्म में राजेंद्र कुमार, आशा पारेख, सुनील आनंद, मीनाक्षी शेषाद्रि ने लीड रोल प्ले किया था. लेकिन ये फिल्म भी फ्लॉप साबित हुई. तीन फिल्में लगातार फ्लॉप होने के बाद सुनील के करियर पर संकट के बादल मंडरा लगे थे.
13 साल बाद जब पर्दे पर नजर आए सुनील
13 साल बाद फिर वह पर्दे पर नजर आए. साल 2001 में ‘मास्टर’ के साथ उन्होंने वापसी की. इस फिल्म को उन्होंने खुद डायरेक्ट किया, लेकिन ये भी फ्लॉप साबित हुई.
एक्टिंग छोड़ किया ये काम
एक्टिंग में किस्मत नहीं चमकी तो धीरे-धीरे सुनील डारेक्शन और प्रोडक्शन की दुनिया के तरफ रूख कर लिया और एक्टिंग से दूर होते चले गए. जब बतौर एक्टर बात नहीं बनीं तो बतौर प्रोड्यूस फिल्मों से जुड़ गए और एक्टिंग छोड़ ‘नवकेतन फिल्म्स’ प्रोडक्शन हाउस को देखने लगे. पिछले काफी समय से वह लाइम लाइट से दूर हैं.
.
टैग: देव आनंद, मनोरंजन विशेष
पहले प्रकाशित : 20 जुलाई, 2023, 04:30 पूर्वाह्न IST
(टैग्सटूट्रांसलेट)देव आनंद(टी)देव आनंद फिल्में(टी)देव आनंद हिट फिल्में(टी)देव आनंद परिवार(टी)देव आनंद बेटा(टी)सुनील आनंद(टी)देव आनंद बेटा सुनील आनंद(टी)देव आनंद बेटा बॉलीवुड में असफल(टी)सुनील आनंद फिल्म्स(टी)सुपर फ्लॉप स्टार किड(टी)सुनील आनंद फिल्म हीरो के रूप में सुपरफ्लॉप(टी)देव आनंद ने सुनील के अभिनय करियर का समर्थन किया(टी)सुने इल आनंद ने 1984 में डेब्यू किया (टी) सुनील आनंद की पहली फिल्म आनंद और आनंद (टी) 4 फिल्में जिनमें सुनील आनंद ने अभिनय किया (टी) सुनील आनंद क्या करते हैं (टी) निर्देशक के रूप में सुनील आनंद
Source link