बॉलीवुड में आज जब भी ‘भाईजान’ का जिक्र आता है, तो बिना सोचे जुबान पर सलमान खान का ही नाम आ जाता है. उनका अंदाज ही कुछ ऐसा है कि ये नाम जचता भी उनपर ही है. उनका ये नाम इतना फेमस है कि हाल ही में उनकी फिल्म का टाइटल भी यही रखा गया, ‘किसी का भाई, किसी की जान’. लेकिन क्या आप जानते हैं कि फिल्म इंडस्ट्री का असली ‘भाईजान’ तब इस इंडस्ट्री में एंट्री मार चुका था, जब सलमान खान तो पैदा भी नहीं हुए थे. फिल्म इंडस्ट्री का ये असली ‘भाईजान’ असल में मुंबई के एक इलाके का दादा था, जो हफ्ता वसूल करता था और बाद में फिल्म इंडस्ट्री में सुपरस्टार बनकर छा गया.
जब फिल्मों की लाइटों से हो गई चिढ़
ये ‘भाईजान’ थे हिंदी सिनेमा के जानेमाने कॉमेडियन और एक्टर महमूद. महमूद फिल्मों में आने से पहले असल में मुंबई के मुलुंड इलाके के दादा थे, जो लोगों से हफ्ता वसूल करते थे. अपनी जिंदगी के इसी दौर में महमूद को ‘भाईजान’ कहा जाने लगा और वो सालों तक इसी नाम से जाने जाते थे. महमूद ने महज 9 साल की उम्र में ही अपनी पहली फिल्म ‘किस्मत’ की थी. 1943 में अशोक कुमार और मुमताज शांति की फिल्म ‘किस्मत’ उस दौर की सुपरहिट फिल्म थी. लेकिन 9 साल के महमूद को फिल्मों की शूटिंग में इस्तेमाल होने वाली बड़ी-बड़ी लाइटों से ऐसी चिढ़ मची कि उन्होंने इस फिल्मी दुनिया से दूरी बना ली.
ट्रेनों में बेची पिपरमेंट, कभी बने ड्राइवर
महमूद फिल्मों से तो दूर हो गए लेकिन शायद जिंदगी ऐसा नहीं चाहती थी. अपने जमाने के मशहूर उनके एक्टर पिता मुमताज अली शराब में ऐसे डूबे कि सब बर्बाद हो गया. कमाने के लाले पड़ गए, तो महमूद को ट्रेनों में पिपरमेंट बेचना पड़ा. सन 1978 में एक मैग्जीन को दिए इंटरव्यू में महमूद ने बताया कि वो मुंबई की सिर्फ उन ट्रेनों में पिपरमेंट बेचते थे जो सबर्बन में चलती हैं, ताकि उनके पिता के जानकार उन्हें देख न लें. बड़े होते गए तो धीरे-धीरे मुंबई के मुलुंड इलाके के दादा बन गए और व्यापारियों से हफ्ता वसूलने लगे. हालांकि उनका कहना था कि वो ‘अच्छे गुंडे’ थे जैसे फिल्मों में हीरो होते हैं. महमूद ने कई सालों तक ड्राइवर का काम भी किया.
महमूद ने अपने 4 दशक के करियर में 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया.
मुझे तो एक्टर ही बनना है…
पर गरीबी के इन दिनों में कई काम करने के दौरान एक बार फिर वह फिल्मी दुनिया से जुड़ने लगे और पी एल संतोषी (निर्देशक राजकुमार संतोषी के पिता) के असिस्टेंट प्रोडक्शन मैनेजर बन गए. एक दिन जब जूनियर एक्टर नहीं आया तो उसका तीन दिन का छोटा सा रोल महमूद को दिया गया, जिसके लिए उन्हें 300 रूपए मिले. महमूद ने इस इंटरव्यू में कहा, ‘तब मुझे एहसास हुआ कि जो मैं अभी नौकरी कर रहा हूं, उसकी 4 महीने की सैलरी इसके बराबर है, और वो भी सिर्फ 3 दिनों के लिए. बस, मैं तभी समझ गया कि मुझे क्या करना है. मुझे एक्टर बनना है.’
महमूद ने कहा कि 1958 से लेकर 1973 वो फिल्मी दुनिया में टॉप पर रहे. महमूद ने ‘बॉम्बे टू गोवा’, ‘पड़ोसन’, ‘कुंवारा बाप’, ‘भूत बंगला’, ‘गुमनाम’, ‘सबसे बड़ा रुपैया’ जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया. महमूद की कॉमेडी का दौर एक समय में वो था, जब फिल्म का हीरो भी महमूद के आगे फीका पड़ जाता था. 4 दशकों के अपने करियर में महमूद ने 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया. महमूद ने मीना कुमारी की बहन मधु से शादी की थी. सिंंगर लकी अली, मेहमूद के ही बेटे हैं.
.
टैग: मनोरंजन थ्रोबैक, सलमान ख़ान
पहले प्रकाशित : 19 जुलाई, 2023, 12:06 अपराह्न IST
(टैग्सटूट्रांसलेट)सलमान खान(टी)महमूद(टी)महमूद अली(टी)महमूद असली नाम(टी)बॉलीवुड भाईजान कौन है(टी)महमूद फिल्में(टी)महमूद की जिंदगी की कहानी(टी)महमूद कॉमेडी(टी)सलमान खान कॉमेडियन नहीं महमूद बॉलीवुड के असली भाईजान थे(टी)महमूद ट्रेनों में पुदीना बेचते थे(टी)बॉलीवुड की पुरानी शुरुआत(टी)सलमान खान की फिल्में(टी)महमूद को क्यों कहा जाता था भाईजान(टी)महमूद परिवार(टी)महमूद की पत्नी(टी) बॉलीवुड हास्य कलाकार(टी)बॉलीवुड समाचार(टी)मनोरंजन समाचार(टी)एंट समाचार(टी)ताजा समाचार
Source link