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इस देश में बर्ड फ्लू से मर रहीं बिल्लियां, WHO की खतरे की चेतावनी, आखिर क्या है पूरा मामला?

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हाइलाइट्स

पूरे पोलैंड में बड़ी संख्या में बिल्लियां मरी पाई गईं हैं.
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि इनमें आधी बिल्लियां बर्ड फ्लू से संक्रमित.
डब्ल्यूएचओ ने कहा- किसी देश में संक्रमित बिल्लियों की बड़ी संख्या की पहली रिपोर्ट.

वारसॉ. पूरे पोलैंड में बड़ी संख्या में बिल्लियां मरी पाई गईं हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि जिन बिल्लियों का परीक्षण किया गया, उनमें आधे से ज्यादा बर्ड फ्लू (Bird Flu) के एक स्ट्रेन से संक्रमित पाई गईं है, जिसे H5N1 कहा जाता है. परीक्षण किए गए 47 नमूनों में से 29 नमूने H5N1 पॉजिटिव थे. इनमें कैद में रखी गई एक जंगली बिल्ली भी शामिल है. डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा कि ‘यह किसी देश के भीतर संक्रमित बिल्लियों की बड़ी संख्या की पहली रिपोर्ट है.’ अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसी ने चेतावनी दी है कि पक्षियों में पाया जाने वाला फ्लू स्ट्रेन मनुष्यों में फैलने वाले फ्लू स्ट्रेन के साथ मिल सकता है.

डब्ल्यूएचओ के बयान में कहा गया है कि इसके कारण एक नया वेरिएंट सामने आ सकता है, जो इतनी आसानी से फैल सकता है कि महामारी फैल सकती है. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि कई बिल्लियों में सांस लेने में कठिनाई, खूनी दस्त और तंत्रिका संबंधी समस्याएं सहित गंभीर लक्षण देखे गए. हालाकि सामान्य आबादी को संक्रमण का खतरा कम है. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि पोलैंड के बिल्ली मालिकों और पशु चिकित्सकों के लिए खतरा ‘कम से लेकर मध्यम’ स्तर का है. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि बिल्लियों का संक्रमित पक्षियों या उनके वातावरण से संपर्क हो सकता है.

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डब्ल्यूएचओ के बयान में कहा गया कि कुछ बिल्लियां पालतू थीं जबकि कुछ अन्य पालतू नहीं थीं. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि संक्रमित बिल्लियों के किसी भी मानव संपर्क में कोई लक्षण नहीं आया है और उन व्यक्तियों की निगरानी का समय अब पूरा हो गया है. 2021 के अंत के बाद से दुनिया भर में पोल्ट्री और जंगली पक्षियों के बीच H5N1 के प्रकोप की एक बड़ी संख्या दर्ज की गई है. जून 2023 तक H5N1 वायरस के वेरिएंट एशिया, यूरोप, अमेरिका और अफ्रीका में प्रभावी हो गए हैं. जंगली पक्षियों और घरेलू पोल्ट्री संक्रमणों के साथ-साथ इनका संक्रमण दूसरी प्रजातियों में भी पाया गया है. जो संभवतः संक्रमित जीवित या मृत पक्षियों या उनके वातावरण के संपर्क के जरिये होते हैं.

टैग: बर्ड फलू, पोलैंड, विश्व स्वास्थ्य संगठन

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