नई दिल्ली. अपने नोएडा में रहने वाले प्रेमी के लिए नेपाल के रास्ते भारत आई पाकिस्तान की सीमा हैदर (Seema Haider) के सामने कई तरह की कानूनी अड़चनें आ सकती हैं. पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर अपने प्रेमी सचिन के साथ रहने के लिए नेपाल के रास्ते भारत में दाखिल हुईं. अब भारतीय कानून के मुताबिक वह एक ‘अवैध प्रवासी’ (Illegal Migrant) हैं. सीमा हैदर को 4 जुलाई को सचिन और उनके पिता के साथ गिरफ्तार किया गया था और उन पर विदेशी अधिनियम (Foreigners Act) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत आरोप लगाया गया था.
बहरहाल उनको जमानत पर रिहा कर दिया गया है और इस वक्त वह भारत में आजाद जीवन का आनंद ले रही हैं, जिसे वह अपना घर कहती हैं. हालांकि सीमा हैदर के खिलाफ लागू होने वाली कानून धाराएं उसके लिए एक कठिन भविष्य की ओर इशारा करती हैं. सबसे पहले तो भारतीय कानून की नजर में सीमा हैदर एक ‘अवैध प्रवासी’ हैं. अवैध प्रवासी वह विदेशी होता है, पासपोर्ट और वीजा जैसे वैध यात्रा दस्तावेजों के बिना देश में प्रवेश करता है, या वैध दस्तावेजों के साथ देश में प्रवेश करता है, लेकिन अनुमति दिए गए समय से ज्यादा वक्त तक देश में रहता है. अवैध प्रवासियों के भारतीय नागरिकता हासिल करने पर रोक है.
सीमा हैदर पर विदेशी अधिनियम, 1946 (Foreigners Act, 1946) की धारा 14 के तहत आरोप लगाया गया था. जिसमें कहा गया है कि जो कोई भी उस समय से ज्यादा समट तक भारत में रहता है, जिसके लिए उसका वीजा जारी किया गया था या जो कोई भी अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, उसे कारावास का दंड दिया जाएगा. जिसे पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना भी देना होगा. सीमा हैदर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी के तहत भी आरोप हैं. इसमें कहा गया है कि जो कोई भी अपराध करने की आपराधिक साजिश में भागीदार है, उसे दो साल या उससे ज्यादा समय के लिए कठोर कारावास की सजा दी जाएगी. विदेशी अधिनियम और पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920 के तहत अवैध प्रवासियों को कैद में रखा या निर्वासित किया जा सकता है. ये दो कानून केंद्र सरकार को भारत में विदेशियों के आने, जाने और रहने को कंट्रोल करने का अधिकार देते हैं.
विदेशी अधिनियम, 1946 भारत में विदेशियों के आने, रहने और जाने पर नियंत्रण रखता है. यह सरकार को विदेशियों के प्रवेश और रहने और उन शर्तों के संबंध में नियम बनाने का अधिकार देता है. जिनके तहत उन्हें निर्वासित किया जा सकता है. सीमा हैदर को 7 जुलाई को जमानत पर रिहा किया गया था. उनकी जमानत की शर्तों के मुताबिक वह अदालत की पहले से ली गई अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ सकती हैं. अगर वह किसी भी समय अपना पता बदलती है तो उसे अदालत को भी बताना होगा. इसके अलावा उनको 30,000 रुपये के दो स्थानीय जमानतदार और दो निजी बांड जमा करने के लिए कहा गया. सीमा की पाकिस्तान लौटने की कोई इच्छा नहीं है क्योंकि उसका मानना है कि अगर वह वापस गई तो उसे मार दिया जाएगा. यह देखना होगा कि अपने प्रेमी के साथ रहने के लिए सीमा पार करने वाली महिला के खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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पहले प्रकाशित : 14 जुलाई, 2023, 2:45 अपराह्न IST