Home India कैसा है वो श्री हरिकोटा स्पेस सेंटर, जहां से छोड़ा जा रहा...

कैसा है वो श्री हरिकोटा स्पेस सेंटर, जहां से छोड़ा जा रहा चंद्रयान -3

29
0
Advertisement

Chandrayaan 3 : जिस सतीश धवन स्पेस सेंटर श्री हरिकोटा से चंद्रयान 3 को लांच किया जा रहा है, वो भारत का सबसे महत्वपूर्ण और सुविधायुक्त रॉकेट लांचिंग सेंटर है, यहीं से भारतीय अंतरिक्ष संस्थान यानि इसरो अपने रॉकेट्स के जरिए सेटेलाइट और चंद्रयान इससे पहले छोड़ता रहा है. जानते हैं कैसा है ये स्पेस सेंटर,

01

इसरो के हर प्रक्षेपण में आप जिस श्रीहरिकोटा के बारे में सुनते हैं. भारत के महत्वाकांक्षी चंद्रयान -3 को भी वहीं से लांच किया जा रहा है. 14 जुलाई को दोपहर 2 बजकर 35 मिनट और 17 सेकेंड पर इसे LVM3 M4 रॉकेट के जरिए यहां से लांच किया जाएगा. लांच व्हीकल पर रॉकेट में ईंधन भरा जा चुका है. अब हम जानते हैं कि श्री हरिकोटा कैसी जगह है? हर प्रक्षेपण वहीं से क्यों होता है. आइए जानते हैं देश के इस लॉन्चिंग स्टेशन के बारे में खास बातें.

02

Advertisement

सतीश धवन स्पेस सेंटर (SHAR) श्रीहरिकोटा में स्थित है. यह एक स्पिंडल शेप आइलैंड है, जो आंध्र प्रदेश में स्थित है. इक्वेटर से इसकी करीबी (पूर्व दिशा की तरफ लॉन्चिंग में फायदेमंद) यहां से लॉन्चिंग होने की एक बड़ी वजह है.

03

श्रीहरिकोटा आइलैंड को 1969 में सैटलाइट लॉन्चिंग स्टेशन के रूप में चयनित किया गया था. 1971 में RH-125 साउंडिंग रॉकेट की लॉन्चिंग के साथ सेंटर ऑपरेशनल हुआ. पहला ऑर्बिट सैटलाइट रोहिणी 1A 10 अगस्त 1979 को लॉन्च किया गया, लेकिन एक खामी की वजह से 19 अगस्त को यह नष्ट हो गया.

04

श्रीहरिकोटा ही क्यों? इसकी पहली वजह श्रीहरिकोटा की लोकेशन ही है. इक्वेटर से इसकी करीबी इसे जियोस्टेशनरी सैटलाइट के लिए उत्तम लॉन्च साइट बनाती है. यह पूर्व दिशा की तरफ होने वाली लॉन्चिंग के लिए बेहतरीन है. पूर्वी तट पर स्थित होने से इसे अतिरिक्त 0.4 km/s की वेलोसिटी मिलती है. ज्यादातर सैटलाइट को पूर्व की तरफ ही लॉन्च किया जाता है.

05

उपलब्धता: यहां तक पहुंचने वाले उपकरण बेहद भारी होते हैं. इन्हें दुनिया के कोने-कोने से यहां लाया जाता है. जमीन, हवा और पानी हर तरह से यहां पहुंचना बेहतर है.

06

यह नेशनल हाइवे (NH-5) पर स्थित है. नजदीक के रेलवे स्टेशन से 20 किलोमीटर और चेन्नई के इंटरनेशनल पोर्ट से 70 किलोमीटर दूर है.

07

सुरक्षाः ऐसे काम के लिए आपको आबादी से दूर रहने की जरूरत होती है. जनता की सुरक्षा और सार्वजनिक संपत्ति की हिफाजत पहला काम होती है, इसीलिए दुनिया के ज्यादातर लॉन्चिंग पैड वाटर बॉडीज के पास हैं. बैकोनुर एक अपवाद है। भारत में दो लॉन्चिंग पैड हैं। एक श्रीहरिकोटा में और दूसरा थुंबा इक्वेटोरियल रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन, तिरुवनंतपुरम में है.

08

यहां की आबादी बेहद कम है और यहां रहने वाले ज्यादातर लोग या तो इसरो से ही जुड़े हैं या फिर स्थानीय मछुआरे हैं.

09

इसरो की इजाजत से ऐसा संभव है कि आप लॉन्चिंग पैड को देख सकें. हर बुधवार को विजिटर्स को लिमिटेड एक्सेस के साथ यहां ले जाया जाता है.

(टैग्सटूट्रांसलेट)चंद्रयान 2(टी)चंद्रयान-3(टी)इसरो(टी)इसरो श्रीहरिकोटा लोकेशन(टी)मिशन मून(टी)चंद्रमा

Source link

Previous articleOpinion: चीन की चुनौतियों को चित करके दुनिया के बाज़ार में बढ़ता भारतीय दखल
Next articleIND vs WI: यशस्वी जायसवाल के शतक से राजस्थान रॉयल्स का सीना चौड़ा, कवर फोटो की अपडेट, शेयर किया वीडियो

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here