मुंबई। गोरेगांव में काम करने वाले एक 23 साल के युवक की जान हार्ट अटैक के बावजूद बच गई और उसे स्टेंट लगाने की जरूरत भी नहीं हुई. डॉक्टर गणेश कुमार ने बताया कि सीने में जकड़न और दर्द के बाद यह युवक नेस्को गोरेगांव मेट्रो स्टॉप से बाहर निकलते हुए फर्श पर गिर गया था. उसे हार्ट में ब्लॉकेज था, जिसे लेजर के जरिए हटा दिया गया. पवई के एलएच हीरानंदानी अस्पताल में उसकी लेजर एंजियोप्लास्टी की गई. हार्ट स्पेशलिस्ट गणेश कुमार ने कहा कि जो धमनी (ब्लड ट्यूब) ब्लॉक हो गई थी, वह अब एकदम नई जैसी हो गई है.
डॉ गणेश कुमार ने बताया कि मरीज की हालत बेहतर है और उसे कुछ दवाएं दी जा रही हैं. यह मरीज स्मोकिंग करता था और उसके परिवार में भी हार्ट पेशंट्स रहे हैं. हार्ट अटैक को लेकर तुरंत चिकित्सा मिलने से उसकी जान बच गई, वरना मुंबई में ही हर रोज करीब 30 लोगों की मौत हार्ट की समस्या से हो जाती है. उन्होंने कहा कि यह मरीज युवा है, इसलिए हमें स्टेंट की जरूरत नहीं हुई. पुराने रोगियों की अपेक्षा इस मरीज में प्लाक के कारण एक छोटा और नया ब्लड क्लॉट बन गया था. इसे आसानी से हटा दिया गया है.
ब्रीच कैंडी अस्पताल ने खरीदी थी मशीन, कई मरीजों को मिला लाभ
इधर, ऐसे ही करीब 10 मरीजों पर इस लेजर एंजियोप्लास्टी का प्रयोग किया जा चुका है और वे सभी बेहतर हैं. यह मशीन फरवरी 2021 में खरीदी गई थी. ब्रीच कैंडी अस्पताल ने यह मशीन खरीदी थी और वहां 100 से अधिक मरीजों पर इसका उपयोग हुआ था. इसी तरह हार्ट एक्सपर्ट डॉ कीर्ति पुनमिया ने बताया कि इस नई चिकित्सा से करीब 75 मरीजों को लाभ मिला है. उन्होंने इस पर एक रिसर्च पेपर भी प्रस्तुत किया था.
क्लॉट को जलाने के बाद करते हैं एंजियोप्लास्टी
डॉ. पुनामिया ने कहा कि यह थक्के को जला देता है और मरीज के लिए एंजियोप्लास्टी को आसान बना देता है. प्लाक या थक्के के एक हिस्से को हटाने के बाद धमनी के प्रभावित हिस्से में एक स्टेंट आसानी से लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि रोगी के लिए लेजर तरीका सबसे आसान लगता है. हालांकि इसे हटाने के कई अन्य तरीके भी मौजूद हैं.
जटिल एंजियोप्लास्टी में मददगार
जिस मरीज को जैसी जरूरत होती है, उसके हिसाब से प्लान करते हैं, लेकिन लेजर डॉक्टरों की तब मदद करता है जब उन्हें जटिल एंजियोप्लास्टी करनी होती है या किसी मरीज में रेस्टेनोसिस (स्टेंट से पहले इलाज की गई धमनी का सिकुड़ना) विकसित हो जाता है. मेदांता अस्पताल गुरुग्राम के डॉ. प्रवीण चंद्रा ने कहा लेज़र उन रोगियों को भी मदद करता है जिन्हें स्टेंट लगाने के लिए लंबे हिस्से की आवश्यकता होती है या जिनकी रक्त वाहिका संकीर्ण होती है.
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पहले प्रकाशित : 09 जुलाई, 2023, 20:54 IST