हाइलाइट्स
हैजा में शरीर से इतना अधिक पानी निकलता है कि तीव्र कमजोरी हो जाती है.
एक घंटे के अंदर 10 प्रतिशत वजन कम हो जाता है.
हैजा के लक्षण: मॉनसून अधिकांश लोगों के लिए बहुत सुहाना होता है. लेकिन इससे भी ज्यादा सुहाना सूक्ष्म जीवों के लिए होता है क्योंकि बरसात में ह्यूमिडिटी अधिक हो जाता है जिसके कारण इसके पनपने के लिए अनुकूल माहौल मिल जाता है. यही सूक्ष्म जीव इंसान के लिए दुश्मन बनने लगते हैं. बारिश के मौसम में बैक्टीरिया, फंगस, यीस्ट, मॉल्ड आदि तेजी से अपनी वृद्धि करते हैं और ये इंसान को संक्रमित करने लगते हैं. इन्हीं में से एक है- वी कॉलरी (Vibrio cholerae) बैक्टीरिया. यह बैक्टीरिया जब इंसान के अंदर प्रवेश कर जाए तो आंत में इतनी तेजी से अपनी वृद्धि करता है कि शरीर का पूरा पानी कुछ ही घंटों में सोख लेता है. इस बीमारी को कॉलरा या हैजा कहा जाता है. अगर कुछ समय के अंदर इलाज न कराया जाए तो मरीज की मौत निश्चित है.
कॉलरा या हैजा अत्यंत विषैला रोग है जिसमें पानी तीव्र गति से दस्त लग जाता है जिससे शरीर का पूरा पानी बाहर निकल जाता है. संक्रमित भोजन या संक्रमित पानी पीने के 12 घंटे से 5 दिन के बाद अचानक कॉलरा का लक्षण दस्त के रूप में उभरता है और देखते-देखते यह तीव्र हो जाता है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक हर 13 से 40 लाख कॉलरा बीमारी के मामले पूरे विश्व में आते हैं. इनमें से 21 हजार से 1.43 लाख मौतें हर साल हो जाती है. कॉलरा बेहद गंभीर आंत से संबंधित बीमारी है. अगर कुछ घंटों में इसका इलाज नहीं किया जाए तो मरीज की तुरंत मौत हो सकती है. हालांकि हैजा का इलाज है लेकिन इसके लिए शीघ्र अस्पताल जाने की जरूरत है. इसलिए इसके लक्षण देखते ही तुरंत अस्पताल जाना बेहतर रहेगा.
कॉलरा या हैजा कैसे फैलता है
कॉलरा का बैक्टीरिया गंदे पानी खासकर जो जमीन, रोड आदि पर रहता है, कुछ सीफूड, कच्चे फल और सब्जियां और कुछ अनाज में पाया जाता है. इन चीजों के माध्यम से यह बैक्टीरिया किसी न किसी तरह इंसान के शरीर में प्रवेश करता है और वहां आंत में पहुंचकर इंसान को संक्रमित कर देता है. जहां पर मल-मूत्र (सेनिटेशन) से निकले पानी किसी न किसी तरह से अन्य चीजों में पहुंचता है. यानी एक तरह से गंदगी जहां ज्यादा होती है वहां हैजा फैलने का खतरा सबसे ज्यादा होता है.
ज्यादातर लोगों में हैजा के बैक्टीरिया आंत के अंदर जाने के बावजूद तुरंत पता नहीं चलता. यह बैक्टीरिया 7 से 14 दिन का समय लक्षण को सामने लाने में लेता है. लेकिन इस बीच में यही बैक्टीरिया अगर संक्रमित इंसान के मल से निकल कर किसी न किसी माध्यम से दूसरे में प्रवेश कर जाए तो वह व्यक्ति भी हैजा से संक्रमित हो जाता है.
हैजा के लक्षण
1. डायरिया या दस्त-बैक्टीरिया आंत में वृद्धि करते ही संक्रमित मरीज को डायरिया फैला देता है. यह अचानक होता है. इसमें बहुत खतरनाक तरीके से संक्रमित मरीज के शरीर से तरल पदार्थ निकलने लगता है. इसमें एक घंटे के अंदर एक लीटर फ्लूड शरीर से बाहर हो जाता है.
2.उल्टी और मतली-हैजा लगने की शुरुआत में उल्टी और मतली होती है. लेकिन एक ही घंटे के बाद दस्त शुरू हो जाता है और शरीर से पानी निकलने लगता है.
3. डिहाइड्रेशन-कॉलरा संक्रमण के एक घंटे के अंदर डिहाइड्रेशन शुरू हो जाता है. बहुत जल्दी संक्रमित मरीज का वजन 10 प्रतिशत तक कम हो जाता है.
4. कमजोरी, चिड़चिड़ापन-शरीर से इतना अधिक पानी की कमी के कारण तीव्र कमजोरी हो जाती है. साथ ही चिड़चिड़ापन बहुत हो जाता है.
5. बहुत अधिक प्यास – हैजा में बहुत ज्यादा प्यास लगती है. मुंह और गला सूखने लगता है. बहुत ज्यादा थकान होने लगती है. स्किन सिकुड़ने लगती है. पेशाब बिल्कुल नहीं होता. ब्लड प्रेशर बहुत लो हो जाता है और धड़कन तेज हो जाती है.
कैसे करें बचाव
कॉलरा गंदे पानी और सेनिटेशन के कारण होता है. संक्रमित इंसान के मल से यह वातावरण में प्रवेश कर सकता है. शुद्ध जल, हाईजीन यानी साफ-सफाई, सेनिटेशन, सामाजिक जागरुकता आदि की बदौलत कॉलरा को नियंत्रित किया जा सकता है. इसलिए सेनिटेशन का एकदम ख्याल रखना चाहिए. बरसात के मौसम में साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखा जाना चाहिए. बरसात के मौसम में बहुत जल्दी-जल्दी हाथ को साबुन से कम से कम 15 सेकेंड तक धोना चाहिए. शुद्ध और सुरक्षित जल ही पीना चाहिए. अगर पानी बहुत देर तक खुला है तो उसे नहीं पीना चाहिए. अगर आसपास हैजा हो गया है तो पानी को गर्म करने के बाद पीना चाहिए. यहां तक कि बोतलबंद पानी को भी गर्म कर पीना चाहिए. ठंडा बोतल बंद पेय अगर ज्यादा देर से खुला है तो इसका भी सेवन न करें. भोजन और अनाज को अच्छी तरह से पका कर खाना चाहिए. बरसात में सुशी जैसे सूप से परहेज करना चाहिए. कटा या बहुत पका फल को नहीं खाना चाहिए. कॉलरा वैक्सीन लगाना चाहिए.
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पहले प्रकाशित : 09 जुलाई, 2023, 2:54 अपराह्न IST