हाइलाइट्स
बार-बार प्यास लगना प्री-डायबेटिक कंडीशन हो सकती है.
प्री-डायबेटिक स्टेज में भूख ज्यादा लगने लगती है.
प्रीडायबिटीज के लक्षण: भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास समय का अभाव रहता है. हर पल काम-काम और काम में ही लगा रहता है. इससे बाहर घूमने टहलने का मौका नहीं मिलता जिससे शरीर में हरकतें कम होने लगती है. इससे शिथिल जीवन हो जाता है. दूसरी ओर खान-पान भी बहुत खराब होने लगता है. इस स्थिति शरीर नेचुरल तरीके से जो चीजें खुद बनाती और ठीक करती है, वह काम नहीं हो पाता है. इन सबसे लाइफस्टाइल से संबंधित डायबिटीज और हार्ट संबंधी बीमारियां होने लगती है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक विश्व में 42.2 करोड़ से ज्यादा लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं.
इनमें करीब 15 लाख लोगों की मौत हर साल प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से डायबिटीज के कारण होती है. हमारे यहां तो सबसे ज्यादा डायबिटीज के मरीज हैं. भारत में सबसे ज्यादा करीब 8 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित है और 2045 तक भारत में 13.5 करोड़ लोगों के डायबेटिक होने का खतरा है. यही कारण है कि भारत को
डायबेटिक कैपिटल ऑफ वर्ल्ड कहा जाने लगा.
डायबिटीज गलत लाइफस्टाइल और गलत खान-पान की वजह से होता है. हालांकि डायबिटीज को शरीर में पनपने के लिए लंबा वक्त लगता है. इस बीच यदि व्यक्ति अपना लाइफस्टाइल और डाइट सुधार लें तो यह अपने आप सही भी हो जाता है. ऐसे में कई ऐसे संकेत हैं जिनकी मदद से यह समझा जा सकता है कि आने वाले कुछ महीनों या सालों में डायबिटीज शरीर में दस्तक देने वाला है. अगर हम थोड़ा सतर्क हो जाएं, तो इन लक्षणों को पहचाना जा सकता है. इसके साथ ही हम प्री-डायबेटिक स्टेज में डायबिटीज होने से रोक सकते हैं.
प्री-डायबिटीज के 5 संकेत
1. बहुत अधिक थकान-मायो क्लिनिक के मुताबिक वैसे तो थकान कई बीमारियों के लक्षण हैं लेकिन प्री-डायबेटिक कंडीशन से ही थकान ज्यादा होने लगती है. सामान्य से अधिक और लगातार थकान प्री-डायबिटीज के लक्षण हो सकता है. ऐसे में आपको जांच कराने की जरूरत है. यदि फास्टिंग ब्लड शुगर 100 से ज्यादा हो गया और 120 से कम है तो यहीं संभलने का समय है.
2.अधिक प्यास लगना-बार-बार प्यास लगना प्री-डायबेटिक कंडीशन हो सकती है. ज्यादा प्यास तभी लगती है जब खून में शुगर की मात्रा थोड़ी बढ़ गई हो. यानी यह प्री-डायबिटीज के संकेत हो सकते हैं. इस स्थिति में तरुंत डायबिटीज की जांच करानी चाहिए.
3. भूख ज्यादा लगना-कई बीमारियों में भूख बहुत कम लगती है लेकिन प्री-डायबेटिक स्टेज में भूख ज्यादा लगने लगती है. इसके कई कारण हो सकते हैं. इसलिए पहले ब्लड शुगर टेस्ट कराएं. अगर फास्टिंग ब्लड शुगर 100 से ज्यादा है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
4. बार-बार पेशाब आना-यह ऐसा लक्षण है जिसे अधिकांश लोग जानते हैं. बार-बार पेशाब होना या लगना प्री-डायबेटिक स्टेज हो सकता है. खून में शुगर की मात्रा ज्यादा होने से किडनी का फंक्शन धीमा हो जाता है, इसलिए बार-बार पेशाब लगता है.
5. आंखों में धुंधलापन-आंखों में धुंधलापन उम्र और आंखों की बीमारियों के कारण आ सकता है लेकिन उपर के अन्य लक्षणों के साथ यदि आंखों में धुंधलापन हो, तो डायबिटीज हो चुका है. डायबिटीज में खून में ब्लड शुगर की मात्रा बढ़ जाती है. यह शुगर शरीर की नसों को भी प्रभावित करती है. इसका असर आंखों पर भी देखने को मिलता है.
प्री-डायबेटिक स्टेज आते ही लाइफस्टाइल में करें बदलाव
अगर जांच में प्री-डायबेटिक स्टेज कंफर्म हो जाएं तो तुरंत प्रभाव से लाइफस्टाइल में परिवर्तन करें. ऐसी स्थिति में आप तुरंत अपने शरीर में हरकतें लाएं. पैदल चलें, टहलें, एक्सरसाइज करें. डाइट को हेल्दी बनाएं. अब से आप ज्यादा तली-भुनी चीजें, ज्यादा स्पाइसी चीजें, प्रोसेस्ड फूड, सैचुरेटेड फूड, पिज्जा, बर्गर, सॉफ्ट ड्रिंक, पैकेटबंद चीजें खाने पूरी तरह से छोड़ दें. ज्याद नमक और ज्यादा चीनी से भी परहेज कर लें. अपनी डाइट में रोज हरी सब्जी, फल और साबुत अनाज को शामिल करें. मोटा अनाज ज्यादा फायदेमंद है. फलीदार सब्जियां, साग, सीड्स आदि आपके लिए बहुत फायदेमंद है.
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पहले प्रकाशित : 29 जून, 2023, 2:09 अपराह्न IST