बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने कहा कि नियोजित शिक्षकों के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से शिक्षक बहाली का रास्ता साफ हो गया है. आचार संहिता खत्म होने के बाद बिहार में बड़े पैमाने पर शिक्षकों की बहाली होगी. उन्होंने कहा कि सभी नियोजन इकाईयों से रिक्तियां मंगवाई जाएगी और इन्हीं रिक्तियों के आधार पर वैकेंसी निकाली जाएगी.

शिक्षा मंत्री ने जानकारी दी कि वैकेंसी निकलते ही नियोजन इकाईयों को रोस्टर भेजे जाएंगे जिसमें  टीईटी अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी. उन्होंने बताया कि सूबे में करीब 80 हजार से ज्यादा टीईटी पास अभ्यर्थी हैं.

मंत्री ने कहा कि आने वाले वेकेंसी में एसटीईटी पास को भी मौका दिया जाएगा और विषयवार बहाली को लेकर भी रुपरेखा तैयार की जाएगी. बता दें कि अक्टूबर 2017 में पटना हाईकोर्ट के फैसले के बाद बिहार सरकार ने शिक्षक बहाली की प्रक्रिया पर रोक लगा रखी थी.

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को बिहार के करीब 3.5 लाख नियोजित शिक्षकों को बड़ा झटका लगा है. अदालत ने बिहार सरकार की अपील मंजूर करते हुए पटना हाई कोर्ट के फैसले को निरस्त कर दिया.

गौरतलब है कि ये लड़ाई 10 साल पुरानी है जब 2009 में बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने बिहार में नियोजित शिक्षकों के लिए समान काम समान वेतन की मांग पर एक याचिका पटना हाइकोर्ट में दाखिल की थी.

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आठ साल तक चली लंबी सुनवाई के बाद पटना हाइकोर्ट ने साल 2017 को अपना फैसला बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के पक्ष में दिया था. जिसके खिलाफ प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने  हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया है.  इस फैसले का सीधा असर बिहार के पौने चार लाख शिक्षकों और उनके परिवार वालों पर पड़ेगा.

इनपुट- रजनीश कुमार

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